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सात वर्ष का खत्म होगा इंतजार! 2.22 लाख लोगों को मिलेगा पीएम आवास, पलामू सांसद की पहल

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14 August 2025


पलामू: झारखंड के लोगों का सात साल का इंतजार खत्म होने वाला है. पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम की पहल पर सात वर्ष से इंतजार कर रहे 2.22 लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत घर मुहैया कराया जाएगा. झारखंड में 2,22,069 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जाना है.

सांसद विष्णु दयाल राम ने 17 जुलाई को केंद्रीय ग्रामीण विकास सह कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर झारखंड में पीएम आवास योजनाओं को लेकर बातचीत की थी. इसी बातचीत में सांसद विष्णु दयाल राम ने 2018 से प्रतीक्षारत 2,22,069 लोगों को आवास योजना का लाभ देने की मांग की.

पूरे मामले में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सह कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के तरफ से पलामू के सांसद को जानकारी दी गई है. झारखंड में 2018 से प्रतीक्षारत लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा. इस योजना का लाभ पलामू, गढ़वा एवं लातेहार के लोगों को भी मिलेगा.

SC ने हाईकोर्ट का फैसला रखा बरकरार, कहा-नियुक्ति विज्ञापन रद्द होने पर उम्मीदवारों की सुनवाई के बिना प्रक्रिया निरस्त की जा सकती

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11 February 2025


दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट(SC) ने झारखंड सरकार द्वारा आयोजित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की 2010 की भर्ती प्रक्रिया को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया है. शीर्ष अदालत के इस फैसले से नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया निरस्त हो गयी है. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को छह महीने में उक्त पदों के लिए नया विज्ञापन जारी करने और नये सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. 
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश दिया कि उम्मीदवारों को उनकी बात सुनने का अवसर दिये बिना बर्खास्त करने का फैसला सही है.

यदि नियुक्ति प्रक्रिया अमान्य है तो इसे रद्द किया जा सकता: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असंवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से की गयी नियुक्तियों को संरक्षित नहीं किया जा सकता, भले ही उम्मीदवारों ने वर्षों तक काम किया हो और उनकी नियुक्ति रद्द करने से पहले उनकी बात नहीं सुनी गयी हो. यदि नियुक्ति प्रक्रिया अमान्य है तो नियुक्तियों को रद्द किया जा सकता है, भले ही व्यक्ति सेवा में शामिल हो गया हो.

सोशल मीडिया को लेकर चुनाव आयोग ने जारी किया विशेष दिशा निर्देश, जानिए क्या है गाइडलाइन

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24 October 2024

 

रांची: सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों की ओर से किए जाने वाले पोस्ट के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष दिशा निर्देश जारी किया है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पूर्व समाचार पत्र, टीवी चैनल, रेडियो, सोशल मीडिया या मीडिया के अन्य माध्यम से तथ्यों को पूरी तरह से जांच कर लें. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की असमंजस की स्थिति में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की आधिकारिक वेबसाइट पर सभी गाइडलाइन उपलब्ध है . इसके साथ सोशल मीडिया के माध्यम से भी दिशा निर्देशों के अनुपालन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराया जाता है. सोशल मीडिया के बढ़ते महत्व को देखते हुए चुनाव आयोग ने अपने अनुदेश दिनांक 25 अक्टूबर 2013 के माध्यम से चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया के उपयोग से संबंधित निर्देश जारी किए हैं.

सोशल मीडिया के उपयोग से संबंधित निर्देश

सोशल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की श्रेणी में परिभाषित किया गया है. इस प्रकार सोशल मीडिया पर किए जाने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापन प्री-सर्टिफिकेशन के दायरे में आते हैं. 

1. नामांकन के दौरान प्रत्याशी को नामांकन के समय प्रपत्र -26 में अपने प्रमाणित सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी प्रदान करनी है.
प्रत्याशी और राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने वाले राजनीतिक विज्ञापन, सोशल मीडिया अकाउंट को        संधारित करने, प्रचार-सामग्री बनवाने एवं उनके सोशल मीडिया के लिए काम करने वाले कर्मियों के वेतन पर आने वाले खर्च को प्रत्याशी के चुनाव-खर्च में शामिल किया जाएगा.
2. प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के लिए यह जरूरी है कि इंटरनेट आधारित मीडिया-प्लेटफॉर्म या मीडिया-वेबसाइट पर किसी राजनीतिक विज्ञापन को जारी करने से पहले प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व-प्रमाणीकरण) प्राप्त करें.
3. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदर्श आचार संहिता एवं संबंधित अन्य निर्देश प्रत्याशी या राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों एवं प्रयुक्त की जाने वाली सभी प्रचार सामग्री पर भी लागू हैं.
4. किसी भी अस्पष्टता को दूर करने के लिए आयोग ने पुनः पत्रांक 491/SM/COMM/ 2013 दिनांक 16 अप्रैल 2014 द्वारा स्पष्ट किया है कि ई-पेपर पर प्रकाशित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों पर प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व-प्रमाणीकरण) आवश्यक है.
5. आयोग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि ब्लॉग / सेल्फ अकाउंट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए जाने वाला कोई पोलिटिकल कंटेंट जो मैसेज/ कमेंट्स/ फोटो/ वीडियो के रूप में हों, राजनीतिक विज्ञापनों की श्रेणी में नहीं आएंगे.

Jharkhand Vidhansabha chunav 2024: आरजेडी का गठबंधन से 12 से 13 सीटों का डिमांड तीसरी बार कैंसल, किया प्रेस कॉन्फ्रेंस

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21 October 2024

रांची: इंडी गठबंधन में शुरू हुआ घमासान तीन दिनों के बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस और झामुमो के 70 सीट पर साथ चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद राजद नाराज हो कर अब प्रेसर पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दिया है. राजद नेताओं के द्वारा लगातार झामुमो और कांग्रेस पर दबाव बनाया जा रहा है. हर बार राजद के नेता 20 से 22 सीट पर चुनाव लड़ने की बात कहते है. लेकिन धीरे-धीरे यह आंकड़ा घटकर 12 सीट पर पहुंच गया. किसी तरह से नेता जी चाह रहे है कि गठबंधन में बात बन जाए.  

दरअसल, राजद ने रविवार को एलान कर दिया कि सोमवार को सुबह 11 बजे तक बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ेंगे फिर कोई बात नहीं होगी. लेकिन ग्यारह बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस का आमंत्रण बुला कर फिर रद्द कर दिया. इसके बाद फिर दोपहर एक बजे समय रखा गया, लेकिन इसे भी रद्द किया. नेताओं का कहना है कि कुछ बात हो रही है. अब एक बार ही फैसला सुनाया जाएगा. आखिर अब सवाल है कि राजद कैसी राजनीति की शुरुआत कर रहा है. 

राजद खेल रही प्रेस पॉलिटिक्स
एक तरफ नेता किसी भी कीमत कर अकेले चुनाव लड़ने की बात करते है और फिर ऐसा क्या होता है कि सभी सवाल का जवाब खत्म हो जाता है और प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर देते है. इसपर राजनीतिक जानकार बताते है कि राजद प्रेस पॉलिटिक्स खेल रही है. फिलहाल झारखंड में इतना मजबूत नहीं है कि अकेले चुनाव लड़ जाए. इससे नुकसान झामुमो-कांग्रेस के साथ साथ खुद राजद को भी है. इससे चुनाव में कोई फायदा नहीं होने वाला है.

Jharkhand Vidhansabha Chunav 2024: सीट बंटवारे से राजद नाराज, किसी को त्याग करना पड़ता है- कांग्रेस

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20 October 2024

रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है लेकिन इस बंटवारे से राजद खुश नहीं दिख रहा है. सत्तारूढ़ गठबंधन की अंदरूनी खींचतान शनिवार को उस वक्त सामने आई, जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस ने एकतरफा सीटों के बंटवारे का एलान कर दिया. लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. आरजेडी के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि हमें दी गई सीटों पर अपनी निराशा व्यक्त करते हैं. यह फैसला एकतरफा है. हमसे विचार-विमर्श नहीं किया गया.

इधर, झारखंड विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी (RJD) की नाराजगी पर झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हम सब एकजुट हैं. जब भी गठबंधन में सीट बंटवारे पर बातचीत होती है किसी को त्याग करना पड़ता है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा परिवार के सदस्यों को टिकट देकर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने दूसरे दलों से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को टिकट दिए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों की पहली सूची जल्द ही जारी की जाएगी.

बता दें कि झारखंड में गठबंधन के बीच सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि कांग्रेस और झामुमो 81 में से 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे. वहीं राजद और वाम दलों के लिए 11 सीट छोड़ी गई है. इस फार्मूले के सामने आते ही राजद की ओर से नाराजगी जताई गई. राजद ने सीटों के बंटवारे पर दिए हेमंत सोरेन के बयान पर असंतोष जताया.

हालांकि बाद में राहुल गांधी से मिलने के लिए तेजस्वी यादव पहुंचे. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संविधान सम्मान सम्मेलन में भाग लेने वाले राहुल गांधी से मुलाकात की. राजद नेता तेजस्वी यादव भी राहुल गांधी से मिले और दोनों नेताओं के बीच गठबंधन पर चर्चा हुई. वहीं अब कांग्रेस की ओर से फिर से सफाई दी गई है कि हम सब एकजुट हैं.

Jharkhand Vidhanshabha Chunav 2024: टूट गया गठबंधन! आरजेडी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार

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19 October 2024

 

रांचीझारखण्ड गठबंधन टूटने के कगार पर पहुँच गया है. राजद अब अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है. सीट शेयरिंग से नाराज तेजस्वी कुछ देर में बड़ा फैसला लेंगे. इससे पहले इशारे में मनोज झा ने बड़ा बयान दिया. राजद का मानना है कि झारखण्ड में गठबंधन की ओर से वह सम्मान नहीं दिया जा रहा है.

राजद के बड़े नेता के मौजूद होने के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं शामिल किया गया. इससे साफ़ है कि झामुमो कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है. कार्यकर्ताओं के अपमान को राजद नहीं सह सकती है.

jharkhand vidhansabha chunav 2024: कांग्रेस और झामुमो में शीट शेयरिंग पर घोषणा, 70 सीट पर jmm-congress उतरेगी मैदान में 

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रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए इंडी ब्लॉक के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है. झामुमो और कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी है. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सीएम हेमंत सोरेन ने घोषणा करते हुए कहा कि झामुमो और कांग्रेस झारखंड में 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. वहीं, 11 सीटें वाम दल और राजद को दी जायेंगी. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे.

बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जबकि कांग्रेस ने 31 सीटों पर अपनी किस्मत आजमायी थी. पिछले विधानसभा चुनाव में राजद को 7 सीटें मिली थीं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि झामुमो अपने पास कितनी सीटें रखता है. क्योंकि यह तो तय है कि झामुमो पिछली बार से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी झामुमो पहले से ही करता रहा है. यह भी देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पिछली बार से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार होगी. 

Hemant Soren भी गए जेल, जहां पहले हैं घोटालों से जुड़े 14 आरोपी बंद

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01 February 2024

रांची : गुरुवार को लगभग 1 घंटे से जायदा चली हेमंत सोरेन की PMLA कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें एक दिन की जूडिशल कस्टडी में रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है. जिस मामले में हेमंत सोरेन को लेकर ED ने पूछताछ की है उसी जमीन घोटाले मामले में पहले से ही बिरसा मुंडा जेल में पहले से 14 आरोपी हैं.

झारखंड का कथित जमीन घोटाला 
झारखंड में कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व में कार्रवाई की है. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 14-15 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें 2011-बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो पहले राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे.

इन मामलों में भी मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है ईडी

शराब घोटाला : सिर्फ योगेंद्र तिवारी गिरफ्तार।

मनरेगा घोटाला : पूजा सिंघल, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार गिरफ्तार। सुमन अभी जमानत पर हैं।

अवैध खनन : पंकज मिश्रा, बच्चू यादव, नेताओं व नौकरशाहों का करीबी प्रेम प्रकाश, दाहू यादव के पिता पशुपति यादव, पंकज मिश्रा का खास सहयोगी कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत व राहुल यादव। इनमें से कई जमानत पर हैं।

कोल लिंकेज घोटाला : इजहार अंसारी, हज़ारीबाग़।

पद का दुरुपयोग कर टेंडर घोटाला : वीरेंद्र राम, आलोक रंजन, नीरज मित्तल व राम प्रकाश भाटिया।

अवैध खनन केस में सीएम से 17 नवंबर 2022 को पूछताछ हुई थी।

सऊदी अरब में फंसे मजदूरों के परिजनों ने लगायी गुहार, बच्चों को मंगा दो सरकार

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07 December 2023


बोकारो : झारखंड के सऊदी अरब में फंसे  मजदूरों के परिजनों ने झारखंड सरकार से अपने बच्चों को वापस मंगाने की गुहार लग रहे हैं. परिजनों ने गरीबी की दुहाई देते हुए कहा कि इकलौता बेटा होने के बावजूद कमाने के लिए भेजे लेकिन बीते कई महीनो से परिवार चलाने के लिए पैसा भी नहीं भेज पा रहा है. हमारे बेटा को कंपनी में काम करने की बात कहकर ले गया था वहां ठेकेदार के अंदर डाल दिया है. उन लोगों को वहां खाना पानी भी ठीक से नहीं मिल रहा है और वेतन भी समय पर नहीं दे रहा है.

इन परिजनों का कहना है की उनके बच्चे और हम लोग भूखे मर रहे हैं हमारे बच्चों को अपने वतन वापस मंगा लीजिए अब नहीं जाएगा विदेश, भूखे भी रहेंगे तो यही कुछ रोजगार कर खा लेंगे लेकिन विदेश नहीं जाने देंगे.

ज्ञात हो कि सऊदी में फंसे झारखंड के 45 मजदूरों ने वीडियो वायरल कर सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. झारखंड के बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह जिले के मजदूर विदेश में फंसे हुए हैं. मजदूरों को काम के बदले कंपनी के द्वारा पांच महीने से मजदूरी नहीं दी जा रही है. इससे मजदूरों के समक्ष खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया है. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर अपनी पीड़ा को साझा करते हुए सरकार से वतन वापसी की गुहार और बकाया मजदूरी की भुगतान किए जाने की मांग की है.

लोग रोजी रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं, वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. ऐसे हालात में मजदूर बड़ी मुश्किल से अपने वतन लौट पाते हैं. ऐसे सरकार को मजदूरों का पलायन रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है. बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के पोखरिया जगदीश महतो,गोनियाटो रामचंद्र महतो,गोमियां प्रखंड के करी के प्रदीप महतो,सीधाबारा के मनोहर महतो सहित और भी मजदूर फंसे हुए हैं. 

सीबीआई की टीम ने पंकज मिश्रा के ठिकानों पर रेड,1000 करोड़ की अवैध खनन मामला

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साहिबगंज : साहिबगंज में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की बूंदा बांदी से मौसम में ठंडी हैं लेकिन आज साहिबगंज में सीबीआई की रेड ने बाजार में चर्चाओं में गर्माहट ला दी हैं. आज सीबीआई की 40 सदस्यीय आठ टीम अपने वरीय अधिकारी के के सिंह के नेतृत्व में पंकज मिश्रा, छोटू यादव, दाहू यादव सहित आठ ठिकानों पर छापे मारे हैं.



बताया जाता हैं कि साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ के खनन घोटाले में ईडी की गवाह रहे विजय हांसदा के गवाही से मुकरने के मामले में यह छापे पड़े हैं.1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा जो ईडी केस में रांची के जेल में पिछले डेढ़ साल से बंद हैं. पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री के काफी करीबी और जेएमएम के केंदीय सचिव हैं. विजय हांसदा जो अवैध खनन मामले में ईडी के गवाह थे जो बाद में अपने बयान से मुकर गए. इस मामले की जांच रांची हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा. इसी मामले में सीबीआई की आज की रेड बताई जा रही हैं.

बहरहाल इस रेड में क्या कुछ निकलकर आया. इसका तो खुलासा नहीं हो पाया. लेकिन सीबीआई के साहिबगंज रेड से एक बार फिर साहिबगंज चर्चा में बना हुआ है.

Shootout at Dhanbad Jail : गैंगस्टर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या

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03 December 2023

धनबाद : जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. धनबाद जेल में बंद शूटर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. बता दें कि शूटर अमन नीरज सिंह हत्याकांड मामले में काफी दिनों से जेल में बंद था. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि जेल में बंद कैदियों के बीच मारपीट हुई. जिसके बाद पगली घंटी बजा गई, जिसके बाद आनन-फानन में उसे SNMMCH ले जाया गया.  जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया.


जानकारी के अनुसार करीब 4 से 5 गोली लगने की सूचना है. वहीं गोली कैसे लगी और किसने चलाई इस पूरे मामले पर पुलिस पदाधिकारी जांच पड़ताल कर रही हैं. जेल में सघन जांच अभियान वारिय अधिकारियों द्वारा चलाया जा रहा है.


वहीं SNMMCH में सिटी एसपी ने स्थिति का जायजा लिया हालांकि कुछ भी बोलने से उन्होंने परहेज किया. सूचना मिलते ही धनबाद डीसी व एसएसपी समेत सारे अधिकारी मौके पर पहुंच चुके है. पुलिस मामले की जांच कर रहे हैं.


शहीद सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

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16 August 2023

पलामू : झारखंड के चाईबासा में नक्सल हमले में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी है. अमित तिवारी का शव मंगलवार देर रात दो बजे के करीब नरेला थाना क्षेत्र के तोलरा स्थित पैतृक गांव पहुंचा.


अमित तिवारी की अंतिम संस्कार तोलरा में कोयल नदी के तट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. अंतिम संस्कार के दौरान पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम, आईजी राजकुमार लकड़ा, सीआरपीएफ के डीआईजी पंकज कुमार, पलामू एसपी रिष्मा रमेशन, एसडीपीओ सुजीत कुमार समेत कई उच्चअधिकारी मौजूद रहेंगे.

अमित तिवारी के शव के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी है. पैतृक घर से शव यात्रा निकलकर कोयल नदी के तट पर जाएगी. गौरतलब हो कि अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर थे और पिछले कुछ महीने से झारखंड जगुआर में तैनात थे. सोमवार की रात चाईबासा में नक्सल घटना में अमित तिवारी शहीद हो गए.


मंगलवार की शाम रांची के जगुआर में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उसके बाद पार्थिव शरीर पलामू के लिए रवाना किया गया. देर रात तक सैकड़ों की संख्या में पलामू के लोगों ने पार्थिव शरीर के दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी. अमित तिवारी चार दिन पहले जन्मे अपने बेटे का मुंह तक नहीं देख पाए और दुनिया को अलविदा कह गए. स्वभाव से अमित बहेद ही मिलनसार व्यक्ति थे.

Land Scam : ईडी के सामने पेश नहीं होंगे CM हेमंत सोरेन, एक सप्ताह का मांगा समय

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14 August 2023

रांची :  प्रवर्तन निदेशालय (ED) जमीन घोटाले की जांच कर रही है. इसको लेकर बीते आठ अगस्त को ईडी ने राज्य के सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजकर पूछताछ के लिए 14 अगस्त को तलब किया था. लेकिन आज सोमवार को सीएम ईडी के समक्ष पेश नहीं होंगे. उन्होंने अपनी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा है. बता दें कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आरसी 25/23 केस ईसीआईआर में समन किया था.

ईडी ने अवैध खनन ममाले में सीएम से 10 घंटे की थी पूछताछ
बता दें कि इससे पहले 17 नवंबर 2022 को ईडी ने अवैध खनन ममाले में सीएम हेमंत सोरेन से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी. ई़डी ने इस पूछताछ में पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल सीएम हेमंत सोरेन से किये थे. साथ ही हेमंत सोरेन से संपत्ति की पूरी जानकारी मांगी थी.

रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की
ईडी ने जमीन घोटाले की जांच रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू कर दी थी. सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट था कि फर्जी नाम और पता के आधार पर सेना की जमीन पर कब्जा किया गया. रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज करायी. ईडी ने इस प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की.

ईडी ने नवंबर 2022 में पहली बार छापेमारी की
इस मामले की जांच शुरू हुई तो पहला छापा नवंबर 2022 को व्यापारी विष्णु अग्रवाल और अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा था. ईडी ने दूसरी बार 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों के 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान ई़डी को कई अहम सबूत मिले थे. इस दौरान ईडी ने सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया था. रिमांड पर इन अभियुक्तों से हुई पूछताछ के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिली. इसके बाद 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित पीपीएस उदय शंकर के ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा.  ईडी को जानकारी मिली कि जमीन कारोबारियों को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की कोशिश इसी जगह से होती थी.

राज्य में जल्द लागू हो जनसंख्या नियंत्रण कानून, सुचिता ने डीसी को सौंपा ज्ञापन

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11 July 2023

रांची : 11 जुलाई, विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन ( JSF ) के प्रदेश अध्यक्ष सुचिता सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला रांची मुख्यालय पर धरने के पश्चात जिलाधिकारी को जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा. जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने जनसांख्यिकीय असंतुलन के कारण देश में संभावित गृह युद्ध को रोकने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग किया.

JSF कूच करेगी दिल्ली 
कार्यकर्ताओं ने बताया की अपने प्रदेश सहित देश भर के JSF कार्यकर्ताओं अपने - अपने जिलों से जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की समर्थन में हस्ताक्षरित समर्थन पत्र लेकर 22 सितंबर 2023 को दिल्ली - गाजियाबाद बॉर्डर स्तिथ JSF कैम्प पर एकत्रित होंगे. जहां से 23 सितंबर प्रातः 9 बजे प्रधानमंत्री कार्यालय, दिल्ली की ओर रैली के रूप में कूच किया जाएगा. 
प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया है की जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने पर सहमति न बनने की स्तिथि में 23 सितंबर 2023 से ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का संगठन द्वारा निर्णय लिया गया है.

23 राज्यों के 400 से अधिक जिलों में अभियान
कार्यकर्ताओं ने बताया की जनसंख्या समाधान फाउंडेशन जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर पिछले 9 वर्षों से अधिक समय से संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी के नेतृत्व में देश भर के 23 राज्यों के 400 से अधिक जिलों में अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं संगठन के मुख्या संरक्षक इंद्रेश कुमार एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित 125 सांसदों का समर्थन प्राप्त है.

2018 को भी जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग उठी थी 
ज्ञात रहे की इस विषय में 9 अगस्त 2018 को भारत के राष्ट्रपति से संगठन एवं सांसदों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने भेंट करके उन्हें जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग के समर्थन में 125 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित संगठन का मांग पत्र सौंप कर सरकार द्वारा कानून बनाने की प्रक्रिया आरंभ करने का अनुरोध किया था.  

जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष सुचिता सिंह, प्रदेश संयोजक इंजीनियर सुरेंद्र कुमार सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेश्वर दयाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग सम्पत्ति देवी, प्रदेश संयोजक महिला विंग नीतू सिंह, जिला अध्यक्ष महेश भारती, महिला विंग अध्यक्ष बबली कुमारी, महासचिव कविता सिंह, सह मीडिया प्रभारी शिव किशोर शर्मा, सुधा नायक, अर्चना सिंह, मंजू सिंह, अनिरुद्ध सिंह, नीता कुमारी, सुनीता मुंडा, सुप्रिया सिंह, अनुरंजिता सिंह, अरुण कुमार मिश्रा, विजय कुमार सिंह, राघवेंद्र कुमार, अमोध सिंह, मौसमी सिंह, मधु सिंह, बबिता कुमारी, मंजू प्रजापति अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे. 

Jharkhand : हेमंत सरकार को झटका पर झटका, स्थानीयता के बाद अब राज्यपाल ने बैरंग लौटाया ओबीसी आरक्षण

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19 April 2023

रांची: पूर्ववर्ती राज्यपाल रमेश बैस के द्वारा स्थानीय नीति को लौटाये जाने के बाद अब नवनियुक्त राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को एक और झटका मिला है. इस बार राज्यपाल ने ओबीसी आरक्षण में विस्तार करने वाले विधेयक को वापस लौटा दिया है. इस प्रकार हेमंत सरकार की सभी विधेयकों को एक-एक कर लौटाये जाने की प्रक्रिया जारी है.

याद रहे कि स्थानीय नीति संबंधी विधेयक को वापस लौटाते हुए तात्कालीन राज्यपाल ने यह टिप्पणी की थी कि राज्य विधान मंडल को नियोजन के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. और अब ओबीसी आरक्षण में विस्तार करने वाले विधेयक को अटॉर्नी जनरल जनरल आर वेंकटरमणी की इस टिप्पणी के साथ वापस लौटा दिया गया है कि मौजूदा विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लघंन है. सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी के अन्दर ही रखने का निर्देश दिया है. जबकि इस विधेयक में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव था.

पहले ही टूट चुका है 50 फीसदी का अपर लिमिट

हालांकि यहां यह भी याद रखने की जरुरत है कि Ews आरक्षण को लागू होने के बाद पहले ही 50 फीसदी का अपर लिमिट टूट चुका है. EWS आरक्षण के बाद कई राज्यों में आरक्षण का दायरा पचास फीसदी के पार हो गया है. क्योंकि Ews आरक्षण से एक साथ सामान्य वर्ग को 10 फीसदी का आरक्षण दे दिया गया है.

विरोधियों का तर्क 10 फीसदी वाले सामान्य वर्ग को 10 फीसदी का EWS कोटा

यहां यह भी याद रहे कि EWS आरक्षण का विरोध करते समय यह तर्क भी दिया गया था कि किसी भी सामाजिक-आर्थिक समूह को आरक्षण देने के पहले उसकी सामाजिक आर्थिक स्थिति की समीक्षा की जाती है, उसके आंकड़े उपलब्ध करवाये जाते हैं, लेकिन EWS आरक्षण में इसका पालन नहीं किया गया, और सबसे बड़ी बात यह कि बगैर किसी जनगणना के सामान्य वर्ग की जनसंख्या का आकलन कैसे कर लिया गया? इसके विरोधियों का तर्क था कि बामुश्किल सामान्य वर्ग की आबादी 10 फीसदी है, इस 10 फीसदी हिस्से को पूरे 10 फीसदी का आरक्षण प्रदान कर दिया गया, जबकि पिछड़ा वर्ग जिसकी जनसंख्या करीबन 55 से 60  फीसदी आंकी जा रही है, उसे महज 27 फीसदी आरक्षण के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है.

हेमंत सरकार को मिल गया एक राजनीतिक हथियार?

माना जा रहा है कि पिछड़ा आरक्षण को वापस किये जाने को हेमंत सोरेन के द्वारा एक राजनीतिक मुद्दा बनाया जा सकता है, इसे भाजपा की पिछड़ा विरोधी राजनीति का एक उदाहरण बताया जा सकता है, और खासकर तब जब कि पिछड़ों के आरक्षण में यह कटौती पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की सरकार में की गयी थी. हेमंत सोरेन के हाथों में भाजपा को घेरने का एक  राजनीतिक हथियार मिला चुका है.

Atiq and Asraf murder: यूपी में धारा 144 लागू,17 पुलिसकर्मी सस्पेंड

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16 April 2023

यू बी डेस्क(UB DESK): चर्चित माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद CM योगी ने हाई लेबल मीटिंग कर UP पुलिस मुखिया को कई दिशा निर्देश दिया है. साथ ही इस पूरे मामले में जांच का आदेश दिया गया है. मीटिंग के बाद पूरे प्रयागराज में फिलहाल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई. कही विधि व्यवस्था ना बिगड़े इसके लिए पूरे UP में धारा 144 लागू कर दिया गया. संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है.

एक पत्रकार और एक पुलिस कर्मी घायल

यूपी पुलिस की ओर से बताया गया कि इस मामले में 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. घटना कैसे घटी इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. पुलिस के मुताबिक गोली मारने वाले अपराधी मीडिया कर्मियों बन कर पहुंचे थे. इस पूरे वारदात में एक ANI के रिपोर्टर घायल हुए हैं और एक पुलिस जवान को बुलेट लगी है. फिलहाल दोनों घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बता दे कि प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास  गैंगस्टर अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ  की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि करीब 15 राउंड फायरिंग की गई. प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास घटना को अंजाम दिया गया. सूत्रों के मुताबिक दोनों को बिल्कुल पास से गोली मारी गई है. 

कैमरे के सामने घटना को दिया गया अंजाम

पुलिस की टीम अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए लेकर जा रही थी इसी दौरान तीन हमलावर पहुंचे और उन्होंने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में पुलिस ने तीन हमलावरों को गिरफ्तार भी किया है. इस घटना को अंजाम मीडिया और पुलिस के सामने दिया गया.  फायरिंग की पूरी वारदात कैमरे में भी कैद हुई है. 

CBI के शिकंजे में झारखंड के अधिकारी, स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह और पूर्व खान निदेशक के खिलाफ होगी कार्रवाई!

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08 February 2023


रांची
: झारखंड में आईएएस अधिकारियों(Jharkhand ias Officer) का अभी बुरा दौर चल रहा है. पहले मनरेगा घोटाले में राज्य की खान सचिव आईएएस पूजा सिंघल ईडी की रडार पर आई, जिसके बाद वो जेल के सलाखों में बंद है. अब राज्य के कुछ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर भी कानूनी शिकंजा कसने वाला है. इस बार ये शिकंजा ईडी(ED) नहीं बल्कि सीबीआई(CBI) कसने वाली है.


सीबीआई ने आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांगी अनुमति
दरअसल, स्टील वायर निर्माता कंपनी उषा मार्टिन(Usha Martin) से जुड़े एक अवैध लौह अयस्क निर्यात मामले में बहुत जल्द सीबीआई सूबे के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और राज्य के जाने-माने उद्योगपति के खिलाफ कार्रवाई करने वाली है. सीबीआई ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरुण कुमार सिंह(Sr. IAS Arun Kumar Singh) के साथ-साथ तत्कालीन खान निदेशक इंद्रदेव पासवान के अलावा राज्य के जाने माने उद्योगपति राजीव झावर सहित कई अन्य पर कार्रवाई करने की राज्य और केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है. सीबीआई(CBI) ने इनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए केंद्र के कार्मिक विभाग और राज्य सरकार से अनुमति मांगी है. वर्तमान में राज्य सरकार में विकास आयुक्त और स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने और तत्कालीन खान निदेशक इंद्रदेव पासवान ने जान बूझ कर खान आवंटन में उषा मार्टिन को गलत तरीके से फायदा पहुचाया था. इन दोनों अधिकारियों के अलावा सीबीआई उषा मार्टिन के तीन शीर्ष अधिकारियों पर भी मुकदमा चलाना चाहती है.

क्या है मामला?
दरअसल मामला है कि उषा मार्टिन कंपनी(Usha Martin Company) को 2005 में पश्चिमी सिंहभूम जिले के घाटकुरी में पांच अन्य आवेदनों पर लौह अयस्क खदान देने में गलत तरीके से मदद की गई है. आरोप है कि घाटकुरी खदान से तय सीमा से 190 करोड़ रुपये मूल्य के अधिक लौह अयस्क का खनन किया गया है. अरुण कुमार सिंह तब खान विभाग(Mining Department) के सचिव थे. सितंबर 2016 में सीबीआई की दिल्ली इकाई में उषा मार्टिन के प्रबंधकों, निदेशक खान, झारखंड सरकार, इंदरदेव पासवान और अन्य के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. राज्य सरकार ने कथित तौर पर लौह अयस्क खदानों के आवंटन के लिए केंद्र को अपनी सिफारिश में उषा मार्टिन का समर्थन किया था क्योंकि कंपनी ने कथित रूप से वादा किया था कि वह आदित्यपुर में अपने इस्पात संयंत्र में अयस्क का उपयोग करेगी. लेकिन आरोप है कि तब लीज शर्तो में कुछ का उल्लेख जानबूझ कर नहीं किया गया था, जिसकी आड़ में कंपनी मनमाने तरीके से आयरन ओर की बिक्री खुले बाजार में करती रही, जिससे राज्य और केंद्र के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ था.

Murder in Noida: नोएडा में पलामू की बेटी की हत्या, पति के हाथों दहेज की बलि!

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30 January 2023


पलामू : ग्रेटर नोएडा के जारचा थाना क्षेत्र में दहेज हत्या (dowry murder) का मामला सामने आया है. इस घटना में दहेज के लिए पलामू की बेटी की बलि चढ़ा दी गई. मामले के लेकर मृतक के चहेरे भाई वीरेंद्र राम ने ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध नगर अंतर्गत जारचा थाना में शिकायत दर्ज करायी है. समाज के लोग घटना की कड़ी निंदा करते हुए हत्यारे को फांसी देने की मांग कर रहे हैं.


2019 में हुई थी शादी
भाई ने शिकायत में कहा है कि चाचा की लड़की अंजली कुमारी की शादी साल 2019 में पलामू के विश्रामपुर थाना अंतर्गत गौरा गांव के रहने वाले रघुराइ बैठा के पुत्र उपेंद्र कुमार से हुई थी. उपेंद्र कुमार सीआईएसएफ (cisf) दिल्ली में कार्यरत है. वह अपनी पत्नी को दिल्ली में ही रखता था. अंजली को उसका पति दहेज को लेकर हमेशा प्रताड़ित करता था. बाद में उसने पत्नी की हत्या कर दी और आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया. घरवालों को अंजली की मौत की सूचना 22 जनवरी की शाम 5 बजे मिली.

घटना के बाद नोएडा पहुंचे परिजन
घटना के बाद मृतक के परिजन 23 जनवरी को वहां पहुंचे और गौतमबुद्ध नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद परिजन शव को लेकर विश्रामपुर आ गए. 24 जनवरी को उसका अंतिम संस्कार विश्रामपुर के गौरा गांव में किया गया. मृतक अंजली हुसैनाबाद थाना क्षेत्र की रहने वाली थी. घटना को लेकर हुसैनाबाद के बैठा समाज में काफी आक्रोश है.

स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की मौत, ASI ने मारी थी गोली

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29 January 2023


ओडिशा:  स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की मौत हो गई है. उन्हें रविवार को कार्यक्रम के दौरान एक पुलिसकर्मी ने ही गोली मार दी थी. दास को सीने में दो गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट करके इलाज के लिए भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल लाया गया था. घटना के दौरान मंत्री ब्रजराजनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. कार की अगली सीट पर बैठे दास अपने समर्थकों से मिलने के लिए जैसे ही नीचे उतरे ASI ने उनके सीने में दो गोली दाग दी. खून से लथपथ दास कार के पास ही गिर पड़े थे. कुछ देर के ल‍िए लोगों को कुछ समझ नहीं आया. घटनास्थल पर मौजूद उनके समर्थकों ने उन्हें पकड़ा और एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजा. कुछ देर बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल लाया गया. घटना के करीब 7 घंटे बाद इलाज के दौरान दास की मौत हो गई. इससे पहले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी दास से मिलने अस्पताल पहुंचे थे.


गाड़ी से उतरते ही ASI ने मारी गोली 

दरअसल मंत्री नब दास झारसुगुड़ा में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. मंत्री जब रास्ते में अपनी गाड़ी से बाहर निकले तभी ASI ने अपनी रिवॉल्वर से उन पर फायरिंग कर दी. ये पूरी घटना झारसुगुड़ा जिले के बृजराजनगर के पास हुई. आरोपी पुलिसकर्मी गोपाल दास गांधी चौक पुलिस चौकी में तैनात था. उसे हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है.

बड़ी खबर : स्वास्थ्य मंत्री पर जानलेवा हमला, ASI ने कार से उतरते ही मारी गोली

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ओडिशा : कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री नाबा दास जब अपनी गाड़ी से बाहर निकले तभी ASI ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी.

हालांकि उन पर फायरिंग क्यों की गई, इसकी वजह अबतक सामने नहीं आई है. घटना के बाद नाबा दास को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पुलिसकर्मी की पहचान गोपाल दास के रूप में हुई है, जो कि गांधी चौक में एएसआई के रूप में तैनात था. जानकारी के मुताबिक, एएसआई गोपाल दास ने अपनी रिवॉल्वर से नाबा दास पर गोली चलाई.
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