पलामू: पाटन प्रखंड के शोले उर्दू विद्यालय का नामकरण मे अभी तक बदलाव नहीं किया गया. झारखंड सरकार के द्वारा शिक्षा विभाग के गाइडलाइन के द्वारा जारी किया गया था कि पलामू जिले में जितने भी उर्दू विद्यालय के नामांतरण में उर्दू शब्द लिखा हुआ था जिसको हटा राजकीय कृत मध्य विद्यालय बनाया जाना था. लेकिन अभी तक शोले उर्दू विद्यालय ही लिखा हुआ है.
स्कूल में शिक्षा की हालत ठीक नहीं है पठन-पाठन करने में विद्यार्थी को कठिन सामना करना पड़ता है. कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई की जाती है. विद्यालय में 2 पारा शिक्षक के भरोसे यह स्कूल संचालित होता है स्कूल में कुल ढाई सौ विद्यार्थी हैं सिर्फ 2 टीचर के भरोसे ही स्कूल में पठन-पाठन कराई जाती है. हलाकि, स्कूल में प्रिंसिपल के चार्ज में ब्रजकिशोर राम है वह भी स्कूल सही समय पर नहीं आते हैं. स्कूल के समय पर बच्चे स्कूल में आकर खेलते रहते हैं जो उनका घर स्कूल के आसपास में ही है और एक शिक्षक कामेश्वर प्रसाद हैं वह डाल्टनगंज से आते हैं उन्ही के भरोसे ढाई सौ बच्चे पढ़ते हैं शिक्षक से पूछे जाने पर बताते हैं कि हम लोग क्या करें किसी प्रकार स्कूल चलाते हैं. एमडीएम के भोजन भी सही समय पर बच्चों को नहीं मिल पाता है शिक्षक के कमी से स्कूल में बच्चे खेलते नजर आते हैं.
क्या कहते हैं बीईओ
उर्दू स्कूल का नामांतरण चेंज करने को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरेंद्र तिवारी ने कहा कि अभी तक नाम में बदलाव नहीं किया गया होगा तो स्कूल के प्रिंसिपल पर कार्रवाई की जाएगी और बहुत जल्द उर्दू नाम बदल कर राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय की जाएगी.
वहीं शोले पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि तथा पूर्व मुखिया लक्ष्मण माझी ने कहा कि शिक्षक की लापरवाही के कारण स्कूल का नामांतरण में बदलाव नहीं किया गया.
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