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"मन की बात" बन गई "देश की बात" : अविनाश वर्मा

Mann Ki Baat becomes Desh Ki Baat: Avinash Verma

27 December 2020

/ by Uday Bharat


पलामू: 3 अक्टूबर 2014 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी पर किया गया था तो कई संभावनाओं और असंभावनाओं के बीच इसकी लोकप्रियता और ज्ञान वर्धन की व्याख्या करना संभव न था. मगर आज 27 अक्टूबर 2020 तक के कुल 72 वें प्रसारण में भी देश के प्रधानमंत्री के द्वारा वही उत्साह और जोश के साथ देश दुनिया के साथ अपने आसपास घट रही प्रमुख घटनाओं एवं भूत भविष्य वर्तमान से जुड़ी सभी क्षेत्रों के सभी विषयों पर अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करना और उस पूरे प्रक्रिया में श्रोताओं के पत्रों का उल्लेख एवं दर्शकों की जिज्ञासाओं को शांत करना काबिले तारीफ है.

वर्ष 2020 के अंतिम मन की बात में भी आज नरेंद्र मोदी जी ने कोल्हापुर की अंजलि को नव वर्ष में देश को बधाई देने वाली सोच की तारीफ की तो

हिमालय के इलाकों में प्रदीप सांगवान एवं कर्नाटक के अनुदीप एवं मीनू शाह को स्वच्छता कार्य हेतु बधाई दिया जबकि आत्मनिर्भरता के तहत कश्मीरी केसर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले 90 वर्षीय शाह आलम की प्रशंसा की.

पिछले 6 वर्षों में बाघों के साथ तेंदुओं की संख्या में 60% की वृद्धि की जानकारी काफी उत्साहवर्धक है.

आज की मन की बात में मोदी जी के द्वारा अथातो ब्रह्म जिज्ञासा के माध्यम से जिज्ञासा को सीखने और प्रगति करने का मूल मंत्र बताना भी गीता की ओर आकर्षित कर भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन वार्तालाप को ताजा करता है.

मोदी जी द्वारा अपने पूरे कार्यकाल में कुल 72 मन की बातों का निचोड़ निकाला जाए तो यह तय है कि देश के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री के द्वारा बगैर किसी बाधा के पिछले 6 वर्षों से लगातार देश की जनता से जुड़े रहना और सभी विषयों पर समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ें रखना अपने आप में अविस्मरणीय है, जिसका फलाफल प्रत्यक्ष रूप से देशवासियों के समक्ष चर्चा का विषय तो है ही, साथ ही साथ अपने लक्ष्य और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण मोदी जी की यह "मन की बात"- "देश की बात" बन गई.

हम सभी पुनः उन्हें बधाई देते हैं.

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