लातेहार : लातेहार के चंदवा प्रखंड की चटुआग के परहैया टोला और पहना पानी मे के ग्रामीणों ने परहैया टोला के अखरा में बैठक कर दिया नारा सड़क पानी नहीं तो वोट नहीं.
कहा इलाके के आदिवासी व आदिम जाति परिवार पानी और सड़क समस्या से जूझ रहे हैं. पेयजल के लिए लगे चापानल खराब पड़ा है लेकिन अभी तक उसे ठीक नहीं करवाया गया है. और सड़क नहीं होने के कारण मरीजों को अस्पताल ले जाने में दिक्कत होता है, गांव तक एम्बुलेंस लाने में काफी परेशानी होती है. सभी घरों में शौचालय नहीं बना है, बिरसा अवास से आज भी अधिकांश परिवार वंचित हैं, दो चार को छोड़ कई परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर नहीं मिला है, अबतक कई सरकारें बदली, जनप्रतिनिधि बदले लेकिन हमारी स्थिति मे कोई सुधार नही हुआ. सरकारी योजना का लाभ तो दूर की बात है, आज भी लोगों को शुद्ध पेयजल भी नसीब नही है.
परहैया टोला में ग्रेड वन सड़क है जिसमें बड़े बड़े नुकिले पत्थर निकल आया है. इसपर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. ननफुलिया के ग्रामीण आज भी नदी का दूषित पानी का सेवन करने को विवश हैं. बीनोद परहैया, सावन परहैया, दसवा परहैया, सनिका मुंडा, दुखन परहैया, डोमन परहैया, बिफई परहैया, रतिया नगेसिया, परदेशी परहैया, ललकु परहैया, झुरन परहैया, फुलदेव परहैया, रामकुमार परहैया, चरका परहैया, बुधराम मुंडा, कुलेशर परहैया, जितनी परहिन, अंजु परहिन, मनीता परहिन, मुनीया देवी, मेघनी परहिन, बब्लु परहैया, मनोज परहैया ने कहा कि विधानसभा चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रत्याशीयों का गांव में आना जाना शुरू हो जाता है, वे गांव में आकर सड़क पानी आदि समस्या दूर करने का झूठे आश्वासन के जाल में फंसा लेते हैं. और अपने पक्ष में वोट डलवा देते हैं. प्रत्याशी के जीतने के बाद ग्रामीणों को तथा गांव के समस्या को भूल जाते हैं. आश्वासन के सिवा गांव के ग्रामीणों को कुछ नहीं मिला. नेताओं के झूठे आश्वासन और जुमलेबाजी से हम ग्रामीण त्रस्त आ चुके हैं. इसलिए इस बार सड़क पानी नहीं तो वोट नहीं करने का निर्णय लिए हैं. उम्मीदवार गांव में आए ग्रामीणों से बात करे गांव की समस्याओं को जाने समाधान कैसे करेंगे वह बताए. आश्वासन नहीं समाधान करने वाले को वोट करेंगे अन्यथा वोट नहीं डालने की बात कही.