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भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिया जांच का आदेश, बंध्याकरण के नाम पर करोड़ो की राशि के गबन का है मामला

Ministry of Health and Family Welfare, Government of India.ordered an inquiry,Case of embezzlement of crores in the name of sterilization

10 October 2019

/ by Uday Bharat
पलामू : भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण के नाम पर करोड़ो की राशि गबन के आरोप का जांच कराने का निर्देश दिया है. जांच का यह निर्देश भारत सरकार के अवर सचिव राकेश कुमार आर्य ने जारी किया है. श्री आर्य ने झारखंड सरकार के एन एच एम मिशन निदेशक को जांच करने सम्बंधी पत्र भेजा है. पत्र में मिशन निदेशक को जांचोपरांत दोषियों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है.


इसके अलावे कार्रवाई के बारे में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को जानकारी देने का भी आदेश दिया गया है. यहां उल्लेखनीय है कि विश्रामपुर के सामाजिक कार्यकर्त्ता राजेश्वर प्रसाद केशरी ने विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बंध्याकरण के नाम पर करोड़ो रूपये की राशि के गबन का आरोप लगाया है. श्री केशरी ने ही इस सम्बंध में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर जांच कराने का आग्रह किया था.श्री केशरी के आवेदन के आलोक में ही भारत सरकार ने जांच का आदेश दिया है.

क्या है मामला

विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा वितीय वर्ष 2016-17 में बंध्याकरण हेतु क्षेत्र के सात प्राईवेट हॉस्पिटल का एमओयू किया गया. एमओयू किये गये सातो प्राईवेट हॉस्पिटल के द्वारा 4653 मरीजों का बंध्याकरण किया गया. बंध्याकरण के ऐवज में विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा इन प्राईवेट हॉस्पिटल को एक करोड़ 39 लाख 59 हजार रुपये दिये गये. जबकि वितीय वर्ष 2017-18 में आठ प्राईवेट हॉस्पिटल का एमओयू किया गया.इन आठ हॉस्पिटल के द्वारा 5451 मरीजों का बंध्याकरण कर के विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक करोड़ 20 लाख 48 हजार रुपये लिये गये. समीजक कार्यकर्त्ता राजेश्वर केशरी का आरोप है कि फर्जी तरीके से मरीजों का ऑपरेशन दिखाकर के दो वितीय वर्ष में कुल दो करोड़ 60 लाख सात हजार रुपये का गबन किया गया है.

दिवंगत पत्रकार के भाई है राजेश्वर केशरी

समाजिक कार्यकर्त्ता राजेश्वर केशरी एक स्थानीय दिवंगत पत्रकार रामेश्वर केशरी के बड़े भाई है. यहां उल्लेखनीय है कि पत्रकार रामेश्वर केशरी की हत्या 16 मई 2018 को कर दी गयी थी. उनका शव विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रशिक्षण हॉल में फंखे से लटका हुआ मिला था. उस वक्त पुलिस ने आत्महत्या बताया था. पुलिस के जांच से पत्रकार के परिजन संतुष्ट नही थे. परिजनों के अनुसार उनकी हत्या की गयी थी. राजेश्वर प्रसाद केशरी का कहना है कि बंध्याकरण के नाम पर करोड़ो की जो राशि गबन की गयी है. उसकी पूरी जानकारी पत्रकार रामेश्वर केशरी को मिल गयी थी. गबन के मामले का खुलासा न हो इसलिये पत्रकार रामेश्वर केशरी की हत्या कर दी गयी थी. लेकिन पुलिस ने दबाव में आकर केस का रुख ही पलट दिया. हत्या के मामले को आत्महत्या साबित कर दिया. राजेश्वर केशरी ने कहा कि जबतक इंसाफ नही मिलता तबतक हमसब चैन से नहि बैठेंगे.कानूनी तरीके से न्याय के लिये हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
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