पलामू: झारखंड में विधानसभा चुनाव की चुनावी महासंग्राम का आगाज हो चुका है. आपको ज्ञात हो कि पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. इसी क्रम में आज दिनांक 27 अक्टूबर दिन रविवार को झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एवं महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने आज दर्जनों क्षेत्र जनसम्पर्क किया. मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के सूदना के विभिन्न इलाकों एवं सदर प्रखंड के करीब दर्जनों गांव जैसे पोखराहा, सरजा, चौकीदार टोला, नावाडीह, बरेवा, बढकीनेभी, नउवाढोढ और कुण्डेलवा के सभी टोला एवं झाबर के सभी टोला आदि ग्रामों में सघन दौरा कर समर्थन व सहयोग मांगा. स्थानीय लोगों द्वारा त्रिपाठी का स्वागत जोश व उत्साह के साथ किया गया.
श्री त्रिपाठी अपने परिभ्रमण कार्यक्रम के दौरान संबोधन में कहा कि इन दस वर्षों में जनता ने सब कुछ खो दिया और उनको इन दस वर्षों में कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा अपने बाल बच्चों के भविष्य एवं आने वाले पिढि का भविष्य के लिए पांच साल छोड़े नहीं और इन दस वर्षों को भूले नहीं. जब मैं अपनी बहन को दूर-दराज क्षेत्रों में ढेकची (तसला) से पानी लेकर आती है तो मेरा कलेजा कांप जाता है. जब अपने ग्रेजुएट भाई एवं नवयुवकों को सिक्योरिटी गार्ड की पैरवी करवाते देखता हूं तो मेरा रूंह कांप जाता है. इसलिए अपने अधिकारों के रक्षा के लिए एक नेता का चयन करें.
यहां के विधायक के उदासीन रवैया एवं दस सालों के अकर्मण्यता से मुक्ति दिलाना है. श्री त्रिपाठी ने कहां की "डाल्टनगंज, पलामू और झारखंड के विकास के लिए अगला पांच साल अपने परिजनों, अपने परिवार व बाल बच्चों का भविष्य एवं अपने समाज के उत्थान हेतु सोच-समझकर वोट करें. आपका एक-एक वोट कीमती, मूल्यवान और महत्वपूर्ण है. यहां पेयजल की समस्या से निजात हेतु कोयल नदी को बांधना है. 25000 से अधिक नवयुवकों को रोजगार उपलब्ध कराना है. महिलाओं के उत्थान व स्वरोजगार की दिशा में योजनाओं को धरातल पर लाना है. अच्छी स्वास्थ्य चिकित्सा व्यवस्था के लिए एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण (नो रेफर हॉस्पिटल) कराना है. बड़े नदी-नालों को बांधना है और भी बड़े महत्वपूर्ण कार्य करना है". इसलिए अगला पांच साल जनता सोच-समझकर एक-एक वोट करें. जाती-धर्म आदि फालतू चीजें को भूलकर विकास के मुद्दे को याद कर वोट करें और पिछला दस साल आप भूले नहीं. आपके जोश और जुनून से ऐसा प्रतीत होता है कि जनता बदलाव चाहती है और अकर्मण्यता से भी मुक्ति चाहती हैं.
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