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Chhath Puja 2022: छठ महापर्व से जुड़ी हर अपडेट जानिए, पूजा के दिन इन बातों का भी रखें खास ध्यान

Chhath Puja 2022: Know every update related to Chhath Mahaparv, keep these things in mind on the day of worship

27 October 2022

/ by Uday Bharat


टीएनपी डेस्क : छठ पूजा का पर्व झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, हाल के दिनों में यह त्योहार पूरे देश के अलावा विदेशों में मनाया जाने लगा है. इस स्टोरी में हम आपको बतायेंगे कि छठ पूजा क्यों और कैसे पूरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है.    

छठ महापर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. वहीं, बात इस साल की करें तो इस बार छठ के पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी और 31 अक्टूबर को इसका समापन होगा. छठ पूजा के दिन सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है. दोनों के अलावा भगवान शिव की भी पूजा इस दिन की जाती है. छठ महापर्व के अलावा इस त्यौहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. आमतौर पर छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है. पूजा करने वाले व्रती इस दौरान 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं.

छठ पूजा का व्रत कितने दिन रखा जाता है

पहला दिन, 28 अक्टूबरनहाय खाय 

नहाय खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत होती है. नहाय खाय को कद्दू-भात के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत करने से पहले एक बार ही खाना होता है. उसके बाद नदी में स्नान करना होता है. इस बार नहाय खाय 28 अक्टूबर को है. 

दूसरा दिन, 29 अक्टूबरखरना

छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस दिन व्रती सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखती हैं. शाम को सूर्यास्त के तुरंत बाद, व्रत तोड़ा जाता है. उसके बाद भोजन तैयार किया जाता है. उसके बाद भोग सूर्य को अर्पित किया जाता है. व्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू होता है. खरना 29 अक्टूबर को है. 

तीसरा दिन, 30 अक्टूबरअर्घ्य 

छठ पूजा का तीसरा दिन सबसे प्रमुख दिन माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है. इसके बाद, व्रती अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और इस दिन डूबते सूर्य की आराधना की जाती है.

चौथा दिन, 31 अक्टूबरउषा अर्घ्य

यह अर्घ्य उगते हुए सूरज को दिया जाता है. इसे उषा अर्घ्य कहते हैं. 36 घंटे के व्रत के बाद ये अर्घ्य दिया जाता है. ये 31 अक्टूबर को छठ का आखिरी दिन होगा. इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 31 मिनट रहेगा. 

छठ पूजा के दिन इन बातों का रखें ध्यान

छठ पूजा को हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व के तौर पर भी जाना जाता है. इस पर्व में साफ-सफाई का विशेष महत्व रहता है, लोग सफाई पर काफी ध्यान देते हैं. छठ महापर्व पर लोग जरूरतमंदों और गरीबों की काफी मदद करते हैं और करनी भी चाहिए. इस दिन सच्ची दिल से मांगी हर प्रार्थना भगवान सूर्य पूरी करते हैं.

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