पलामू : हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों ठनका गिरने से कई लोगो की असमय जान चली गई है. इस संबंध में हुसैनाबाद एसडीपीओ बिजय कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समाज के प्रबुद्ध नागरिकों, समाजसेवी सहित आम अवाम से इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए लोगो को जागरूक करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बरसात में बिना सावधानी बरते, घर से निकलना मौत को आमंत्रण देना है. विशेषज्ञों का कहना है कि बेशक आसमान से टूटने वाली इस आफत वज्रपात (ठनका) को रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है. आसमान से टूट रही आफत बेलगाम इसलिए भी बनी हुई है कि लोग इससे बचने के तमाम एहतियाती उपायों से अनजान हैं. लोगों को चाहिए कि जब भी बादल गरजना शुरू हों, सुरक्षित स्थानों से बाहर न निकलें और अगर कहीं फंस भी जाएं, तो लोगों को चाहिए कि बड़े पेड़ों की बजाय छोटे पेड़ और मकानों के नीचे खड़े हो जाएं, क्योंकि बिजली अधिकतर ऊंचे स्थानों या लंबे-ऊंचे पेड़ों पर ही गिरती है.
उन्होंने कहा कि ठनका से 71 फीसदी मौतें पेड़ के नीचे खड़े होने से होती हैं. शेष 29 फीसदी लोग खुले में होने की वजह व्रजपात के शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि अगर बचाव के संबंध में जागरूकता बढ़ायी जाये तो 80 फीसदी मौतें रोकी जा सकती हैं। फिलहाल जिस तरह से क्लाइमेट चेंज हो रहा है, उससे प्राकृतिक आपदाएं बढ़ गयी हैं. यदि किसी वाहन पर सवार हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह चले जाएं. किसी इकलौते पेड़ के नीचे नहीं जाएं. यदि जंगल में हैं, तो बौने (कम ऊंची पेड़) और घने पेड़ों के नीचे जाएं. दलदल वाले स्थानों और जलस्रोतों से दूर रहने की कोशिश करें. गीले खेतों में हल चलाने या रोपनी करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जाएं. आंधी-बारिश व तूफान के दौरान तत्काल बाद घर से बाहर न निकलें. देखा गया है कि बादल गर्जन व तेज बारिश के होने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरती है. अगर कहीं कोई तेज बारिश में फंस जाएं तो अपने हाथों को घुटनों पर और सिर को घुटनों के बीच में रखें।इससे शरीर को कम-से-कम नुकसान होगा.