चतरा : झारखण्ड के चतरा जिले में उग्रवादियों के लिए अब दो ही रास्ते बचे हैं. मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरकार की आत्मसमर्पण नीति का सीधा लाभ उठाएं या पुलिस के हाथों गिरफ्तार होना के लिए तैयार रहें. उक्त बातें जिले के पुलिस कप्तान अखिलेश बी वारियर ने मंगलवार को अपने कार्यलाय में पांच लाख के इनामी टीएसपीसी उग्रवादी सबजोनल कमांडर शेखर गंझू उर्फ रामकुमार गंझू की हुई गिरफ्तारी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया.
श्री वारियर ने बताया कि 16 सितंबर को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि टीएसपीसी संगठन के पांच लाख के इनामी सबजोनल कमांडर शेखर गंझू उर्फ राजकुमार गंझू ग्राम जोजवारी थाना लावालौंग के आसपास के क्षेत्र में मौजूद है. प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी मुन्ना सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक अभियान निगम प्रसाद एंव सिमरिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी IPS सौरभ की क़यादत मे टीम गठन की गई. टीम के द्वारा सर्च ऑपरेशन की गई, जिसमें ग्राम जोजवारी के एक अर्धनिर्मित मकान से शेखर को 3 बज के 20 मिनट पर गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार सबजोनल कमांडर के खिलाफ अब तक सिमरिया थाने में दो और पथलगड़ा थाने में तीन संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्हों ने बताया कि वर्ष 2009 ई से टीएसपीसी नक्सली संगठन में शामिल था.शेखर गंझू पर महेश यादव समेत अपना साला वासुदेव गंझू के हत्या का भी आरोप है. चतरा जिला के अतिरिक्त 2015 ई मे पलामू जिला मे सक्रीय रहा है.
सर्च ऑपरेशन में नेतृत्व करने वाले पदाधिकारियों के अतिरिक्त निरी/जीडी पवन कुमार शाह कम्पनी कमांडर लावालौंग 190 बटालियन सीआरपीएफ, पुलिस इंस्पेक्टर शिव प्रकाश कुमार अंचल सिमरिया और सब इंस्पेक्टर लव कुमार थाना प्रभारी सिमरिया शामिल थे.
एसपी ने कहा पुलिस एव सीआरपीएफ और दूसरी एजेंसियों का सूचना तंत्र आज की तारिख में बहुत मजबूत है. उग्रवादियों और अपराधियों की पल पल की सूचनाएं मिल रही है. कबतक उग्रवादी भागते फिरेंगे, अब तो उग्रवादियों, अपराधियों को उनकी परछाई भी साथ नहीं देगी. क़ानून की शिकंजे से बचपना असम्भव है. उग्रवादियों के लिए एक अवसर सरकार की आत्मसमर्पण नीति को स्वागत करते हुए खुद को आत्मसमर्पण कर अपने परिजनों को प्रतिष्ठित जीवन व्यतीत करने में सहयोग करें. पुलिस हर सम्भव क़ानून के दायरे में रहते हुए आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों और उनके परिजनों को मदद करेगी.