DESK: पिछले डेढ़ माह से लगे लॉक डाउन में राज्य सरकारों के आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे खराब हो रही है. झारखंड सरकार भी अपने आर्थिक स्थिति को देखकर काफी चिंतित है.
बताया गया है कि लॉक डाउन में रेवेन्यू कलेक्शन में भारी कमी आई है. इसे देखते हुए अन्य राज्यों की तरह झारखंड सरकार भी शराब एवं अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने पर विचार कर रही है. ताकि कोरोना के साथ-साथ आर्थिक संकट से भी लड़ा जा सके.
शराब की दुकानों को खोलने की तैयारी
लॉकडाउन में रेवेन्यू कलेक्शन में भारी कमी को देखते हुए झारखंड की सरकार अन्य राज्यों की तरह शराब एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने की छूट दे सकती है. ताकि कोरोना के संकट के साथ साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ी जा सके.
जाहिर सी बात है कि अप्रैल महीने में उन 40 फ़ीसदी रेवेन्यू कलेक्शन ही संभव हो पाया. बता दें कि झारखंड सरकार हर महीने अन्य खर्चों को छोड़कर वेतन मद पर 12 सौ करोड़, पेंशन मद में 500 करोड़ और ब्याज भुगतान पर 300 करोड़ रुपए खर्च करती है.
स्थिति यह है कि इन खर्चों को भी पूरा करने के लिए सरकार के पास आमदनी नहीं हो रही है. इसे देखते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए लॉक डाउन में छूट देने की वकालत की है.
झारखंड राज्य के आर्थिक जानकारों का मानना है कि कोरोना की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है. इस नुकसान से उबरने में राज्य सरकार को काफी वक्त लगेगा.
अगर लॉक डाउन इसी तरह से जारी रहा तो सरकार खर्चे के बोझ के तले तले दबती जाएगी. लॉक डाउन में अन्य राज्यों की तरह यहां भी कई स्तर प्रतिष्ठानों को खोलने पर छूट दिया जा सकता है.