लातेहार : चंदवा प्रखंड के सेरक पंचायत का नकटी स्थित परहैया टोला निवासी हरखु परहैया पिता बिफन परहैया के दाएं जांघ की हड्डी एक्सीडेंट में टूट गई थी.
दौरा के क्रम में मिली सूचना पर माकपा के पूर्व जिला सचिव सह सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान, पूर्व पंचायत समिति सदस्य फहमीदा बीवी ने उनसे मुलाकात कर टूटी जांघ के संबंध में जानकारी ली, अयुब खान ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ आदिम जनजाति परिवारों को नहीं मिल पा रहा है, जिसका यह जीता जागता उदाहरण है.
हरखु परहैया ने बताया की जुलाई माह में अपने घर सेरक से सांसग आया था. सांसग से टैम्पू पकड़कर हरैया हॉट आ रहा था कि इसी बीच रूद मुर्तिया के पास टैम्पू और हाईवा की जोरदार टक्कर हो गई. इसमें टैम्पू में सवार 7 लोगों को गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसमे दो लोगो की मौत घटनास्थल पर हो गई थी. इसी घटना मे हरखु परहैया की दाएं पैर का जांघ की हड्डी टुट गई थी. इसे बेहतर इलाज के लिए चंदवा सीएचसी से रिम्स रांची रेफर किया गया था, यह डेढ़ माह तक रिम्स में भर्ती रहा. चिकित्सकों ने आपरेशन करने के लिए इनसे खून कि व्यवस्था करने को कहा लेकिन, यह ब्लड व्यवस्था नहीं कर पाया और इसका आपरेशन नहीं हो पाया. थकहार कर वह बिना आपरेशन कराए ही घर चला आया है.
परदेशी परहैया, महेंद्र परहैया, सुनीता परहिन, लालजीत परहैया, मुनीया देवी ने बताया कि परिजन गरीबी के कारण हरखु का इलाज कराने में असमर्थ हैं. पैर में सूजन बढ़ रहा है. बैशाखी के सहारे थोड़ी बहुत चल फिर रहा है. करीब एक माह से यह घर में पड़ा हुआ है. टूटी हड्डी के कारण मरीज का अपाहिज होने का खतरा बढ़ गया है.
फिलहाल वह चटुआग मे अपने बहन बहनोई के यहां रहकर किसी तरह समय काट रहा है. अयुब खान ने कहा कि आदिम जनजाति को लेकर कई सरकारी प्रावधान हैं. विलुप्त हो रही जनजातियों के संरक्षण को लेकर कई योजनाएं भी हैं. जिसके तहत जिला कल्याण विभाग तत्काल चिकित्सा अनुदान योजना के तहत राशि देकर आपरेशन करवाकर इसको अपाहिज होने से बचा सकती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि और परिजनों ने उपायुक्त व जिला कल्याण पदाधिकारी से चिकित्सीय मदद की गुहार लगाई है.