सूचना मिलते ही हुसैनाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार महतो के नेतृत्व में हुसैनाबाद थाना प्रभारी संजय कुमार यादव, हैदरनगर थाना प्रभारी अफजल अंसारी और सशस्त्र बलों को मिलाकर एक छापामारी दल का गठन किया गया. छापामारी दल को दो भागों में विभाजित कर लक्ष्मण परहिया के घर की घेराबंदी की गई. पुलिस की उपस्थिति को भांपते हुए घर से तीन व्यक्ति भागने लगे, जिनमें से दो को पुलिस ने तत्परता से गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए व्यक्तियों ने अपना नाम प्रसिद्ध परहिया पिता- बालकेश्वर परहिया, निवासी- कुरदाग टोला कसियाड, थाना- हुसैनाबाद और दौलत यादव -पिता- संजय यादव, निवासी-कुरदाग टोला कसियाड बताया.
छानबीन के दौरान दौलत यादव के कमर में एक लोडेड देशी कट्टा बरामद किया गया. इसके अलावा, मौके से माओवादी संगठन के लिए हथियार बनाने वाले मुनारिक विश्वकर्मा की मिनी गन फैक्ट्री का भी भंडाफोड़ हुआ. पूछताछ में प्रसिद्ध परहिया ने बताया कि उसने जून 2024 में सडेया डंडिला सड़क निर्माण कार्य में लगे जेसीबी और ट्रैक्टर को संगठन के नितेश यादव, सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार, संजय यादव उर्फ गोदराम, राजेन्द्र सिंह, विवेक यादव उर्फ सुनील यादव एवं अन्य के साथ मिलकर आग लगा देने की बात को स्वीकार किया गया है. इसके अलावा, उसने कई और नक्सली घटनाओं में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उक्त छापेमारी में एक देशी कट्टा, 315 बोर की एक जिंदा गोली,अधूरे बने बंदूक के लकड़ी के बट - 2 पीस, लोहे का लेथ मशीन, लकड़ी में फिट किया हुआ - 1 पीस, लोहे की रेती - 8 पीस, छोटे-बड़े लोहे के हथौड़े - 3 पीस, हथियार बनाने में उपयोग होने वाले लोहे के छोटे पार्ट्स - 14 पीस, लोहे की भट्ठी -1 पीस एवं लोहा के छोटे छर्रे - 18 पीस आदि हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाले कई सामान बरामद किए गए हैं.
इस अभियान में मिली सफलता से न केवल माओवादी संगठन के इरादों पर पानी फिरा है, बल्कि उनके हथियार निर्माण की गतिविधियों को भी बड़ा झटका लगा है. साथ ही पुलिस ने उनके हथियार निर्माण के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया है. इस संदर्भ में हुसैनाबाद थाना में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस की इस कार्यवाही से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे आम जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है.
छानबीन के दौरान दौलत यादव के कमर में एक लोडेड देशी कट्टा बरामद किया गया. इसके अलावा, मौके से माओवादी संगठन के लिए हथियार बनाने वाले मुनारिक विश्वकर्मा की मिनी गन फैक्ट्री का भी भंडाफोड़ हुआ. पूछताछ में प्रसिद्ध परहिया ने बताया कि उसने जून 2024 में सडेया डंडिला सड़क निर्माण कार्य में लगे जेसीबी और ट्रैक्टर को संगठन के नितेश यादव, सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार, संजय यादव उर्फ गोदराम, राजेन्द्र सिंह, विवेक यादव उर्फ सुनील यादव एवं अन्य के साथ मिलकर आग लगा देने की बात को स्वीकार किया गया है. इसके अलावा, उसने कई और नक्सली घटनाओं में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उक्त छापेमारी में एक देशी कट्टा, 315 बोर की एक जिंदा गोली,अधूरे बने बंदूक के लकड़ी के बट - 2 पीस, लोहे का लेथ मशीन, लकड़ी में फिट किया हुआ - 1 पीस, लोहे की रेती - 8 पीस, छोटे-बड़े लोहे के हथौड़े - 3 पीस, हथियार बनाने में उपयोग होने वाले लोहे के छोटे पार्ट्स - 14 पीस, लोहे की भट्ठी -1 पीस एवं लोहा के छोटे छर्रे - 18 पीस आदि हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाले कई सामान बरामद किए गए हैं.
इस अभियान में मिली सफलता से न केवल माओवादी संगठन के इरादों पर पानी फिरा है, बल्कि उनके हथियार निर्माण की गतिविधियों को भी बड़ा झटका लगा है. साथ ही पुलिस ने उनके हथियार निर्माण के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया है. इस संदर्भ में हुसैनाबाद थाना में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस की इस कार्यवाही से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे आम जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है.
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